Rajbhasha Ekak

 
संवैधानिक प्रावधान
Constitutional Provision
राष्ट्रपति के आदेश 1960
President Order-1960
राजभाषा अधिनियम 1963
Official Language Act 1963
राजभाषा संकल्प 1968
Official Language Resolution1968
राजभाषा नियम 1976
Official Language Rule 1976
वार्षिक कार्यक्रम
Annual Programme
ऑनलाईन शब्दकोश
Online Dictionaries
नियम एवं संदर्भ पुस्तिका
Rule & Reference Book
टिप्पण मार्गदर्शिका
Noting Book
राकास समिति
OLIC Committee
राजभाषा परिवार
Rajbhasha Parivar
महत्वपूर्ण वेबसाइट
Important Websites

संवैधानिक प्रावधान

भारत के संविधान में राजभाषा से संबंधित भाग-17

अध्याय 1--संघ à¤•à¥€ भाषा

अनुच्छेद 120. à¤¸à¤‚सद् में प्रयोग की जाने वाली भाषा - (1) à¤­à¤¾à¤— 17 à¤®à¥‡à¤‚ किसी बात के होते हुए भी, à¤•à¤¿à¤‚तु अनुच्छेद 348 à¤•à¥‡ उपबंधों के अधीन रहते हुए, à¤¸à¤‚सद् में कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जाएगा

परंतु, à¤¯à¤¥à¤¾à¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿, à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ सभा का सभापति या लोक सभा का अध्यक्ष अथवा उस रूप में कार्य करने वाला व्यक्ति किसी सदस्य को, à¤œà¥‹ हिंदी में या अंग्रेजी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नहीं कर सकता है, à¤…पनी मातृ-भाषा में सदन को संबोधित करने की अनुज्ञा दे सकेगा ।

(2) à¤œà¤¬ तक संसद् विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे तब तक इस संविधान के प्रारंभ से पंद्रह वर्ष की अवधि की à¤¸à¤®à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ à¤•à¥‡ पश्चात्‌ यह अनुच्छेद ऐसे प्रभावी होगा मानो   “या अंग्रेजी में”  à¤¶à¤¬à¥à¤¦à¥‹à¤‚ का उसमें से लोप कर दिया गया हो ।

अनुच्छेद 210: à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¨-मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा - (1) à¤­à¤¾à¤— 17 à¤®à¥‡à¤‚ किसी बात के होते हुए भी, à¤•à¤¿à¤‚तु अनुच्छेद 348 à¤•à¥‡ उपबंधों के अधीन रहते हुए, à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ के विधान-मंडल में कार्य राज्य की राजभाषा या राजभाषाओं में या हिंदी  à¤®à¥‡à¤‚ या अंग्रेजी में किया जाएगा

परंतु, à¤¯à¤¥à¤¾à¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿, à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¨ सभा का अध्यक्ष या विधान परिषद् का सभापति अथवा उस रूप में कार्य करने वाला व्यक्ति किसी सदस्य को, à¤œà¥‹ पूर्वोक्त भाषाओं में से किसी भाषा में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नहीं कर सकता है, à¤…पनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुज्ञा दे सकेगा ।

(2)  à¤œà¤¬ तक राज्य का विधान-मंडल विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे तब तक इस संविधान के प्रारंभ से पंद्रह वर्ष की अवधि की समाप्ति à¤•à¥‡ पश्चात्‌ यह अनुच्छेद ऐसे प्रभावी होगा मानो  “ à¤¯à¤¾ अंग्रेजी में ”  à¤¶à¤¬à¥à¤¦à¥‹à¤‚ का उसमें से लोप कर दिया गया हो :

परंतु हिमाचल प्रदेश, à¤®à¤£à¤¿à¤ªà¥à¤°, à¤®à¥‡à¤˜à¤¾à¤²à¤¯ और त्रिपुरा राज्यों के विधान-मंडलों के संबंध में, à¤¯à¤¹ खंड इस प्रकार प्रभावी होगा मानो इसमें आने वाले“पंद्रह वर्ष” à¤¶à¤¬à¥à¤¦à¥‹à¤‚ के स्थान पर  “पच्चीस वर्ष”  à¤¶à¤¬à¥à¤¦ रख दिए गए हों :

परंतु यह और कि  à¤…रूणाचल प्रदेश, à¤—ोवा और मिजोरम राज्यों के विधान-मंडलों के संबंध में यह खंड इस प्रकार प्रभावी होगा मानो इसमें आने वाले “ à¤ªà¤‚द्रह वर्ष ” à¤¶à¤¬à¥à¤¦à¥‹à¤‚ के स्थान पर “ à¤šà¤¾à¤²à¥€à¤¸  à¤µà¤°à¥à¤· ” à¤¶à¤¬à¥à¤¦ रख दिए गए हों ।

अनुच्छेद 343. à¤¸à¤‚घ की राजभाषा--

(1) संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी, à¤¸à¤‚घ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।

(2) à¤–ंड (1) à¤®à¥‡à¤‚ किसी बात के होते हुए भी, à¤‡à¤¸ संविधान के प्रारंभ से पंद्रह वर्ष की अवधि तक संघ के उन सभी शासकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता रहेगा जिनके लिए उसका ऐसे प्रारंभ से ठीक पहले प्रयोग किया जा रहा था :

परन्तु राष्ट्रपति उक्त अवधि के दौरान, à¤†à¤¦à¥‡à¤¶ द्वारा, à¤¸à¤‚घ के शासकीय प्रयोजनों में से किसी के लिए अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त हिंदी भाषा का और भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप के अतिरिक्त देवनागरी रूप का प्रयोग प्राधिकृत कर सकेगा।

(3) à¤‡à¤¸ अनुच्छेद में किसी बात के होते हुए भी, à¤¸à¤‚सद् उक्त पन्द्रह वर्ष की अवधि के पश्चात्‌, à¤µà¤¿à¤§à¤¿ द्वारा

(क) अंग्रेजी भाषा का, à¤¯à¤¾

(ख) अंकों के देवनागरी रूप का,

ऐसे प्रयोजनों के लिए प्रयोग उपबंधित कर सकेगी जो ऐसी विधि में विनिर्दिष्ट किए जाएं।

अनुच्छेद 344. राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति--

(1) à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿, à¤‡à¤¸ संविधान के प्रारंभ से पांच वर्ष की समाप्ति à¤ªà¤° और तत्पश्चात्‌ ऐसे प्रारंभ से दस वर्ष की समाप्ति à¤ªà¤°, à¤†à¤¦à¥‡à¤¶ द्वारा, à¤à¤• आयोग गठित करेगा जो एक अध्यक्ष और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट विभिन्न भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले ऐसे अन्य सदस्यों से मिलकर बनेगा जिनको राष्ट्रपति नियुक्त करे और आदेश में आयोग द्वारा अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया परिनिश्चित à¤•à¥€ जाएगी।

(2) à¤†à¤¯à¥‹à¤— का यह कर्तव्य होगा कि वह राष्ट्रपति को--

(क) संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए हिंदी भाषा के अधिकाधिक प्रयोग,

(ख) संघ के सभी या किन्हीं शासकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा के प्रयोग पर निर्बंधनों,

(ग) अनुच्छेद 348 à¤®à¥‡à¤‚ उल्लिखित सभी या किन्हीं प्रयोजनों के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा,

(घ) संघ के किसी एक या अधिक विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए प्रयोग किए जाने वाले अंकों के रूप,

(ड़) संघ की राजभाषा तथा संघ और किसी राज्य के बीच या एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच पत्रादि की भाषा और उनके प्रयोग के संबंध में राष्ट्रपति द्वारा आयोग को निर्देशित किए गए किसी अन्य विषय, à¤•à¥‡ बारे में सिफारिश करे।

(3) à¤–ंड (2) à¤•à¥‡ अधीन अपनी सिफारिशें करने में, à¤†à¤¯à¥‹à¤— भारत की औद्योगिक, à¤¸à¤¾à¤‚स्कृतिक और वैज्ञानिक उन्नति का और लोक सेवाओं के संबंध में अहिंदी भाषी क्षेत्रों के व्यक्तियों के न्यायसंगत दावों और हितों का सम्यक ध्यान रखेगा।

(4) à¤à¤• समिति गठित की जाएगी जो तीस सदस्यों से मिलकर बनेगी जिनमें से बीस लोक सभा के सदस्य होंगे और दस राज्य सभा के सदस्य होंगे जो क्रमशः लोक सभा के सदस्यों और राज्य सभा के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा निर्वाचित होंगे।

(5) à¤¸à¤®à¤¿à¤¤à¤¿ का यह कर्तव्य होगा कि वह खंड (1)के à¤…धीन गठित आयोग की सिफारिशों की परीक्षा करे और राष्ट्रपति को उन पर अपनी राय के बारे में प्रतिवेदन दे।

(6) à¤…नुच्छेद 343 à¤®à¥‡à¤‚ किसी बात के होते हुए भी, à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ खंड (5) à¤®à¥‡à¤‚ निर्दिष्ट प्रतिवेदन पर विचार करने के पश्चात्‌ उस संपूर्ण प्रतिवेदन के या उसके किसी भाग के अनुसार निदेश दे सकेगा।

अध्याय 2- à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• भाषाएं

अनुच्छेद 345. राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं--

अनुच्छेद 346 à¤”र अनुच्छेद 347 à¤•à¥‡ उपबंधों के अधीन रहते हुए, à¤•à¤¿à¤¸à¥€ राज्य का विधान-मंडल, à¤µà¤¿à¤§à¤¿ द्वारा, à¤‰à¤¸ राज्य में प्रयोग होने वाली भाषाओं में से किसी एक या अधिक भाषाओं को या हिंदी को उस राज्य के सभी या किन्हीं शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा या भाषाओं के रूप में अंगीकार कर सकेगाः

परंतु जब तक राज्य का विधान-मंडल, à¤µà¤¿à¤§à¤¿ द्वारा, à¤…न्यथा उपबंध न करे तब तक राज्य के भीतर उन शासकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता रहेगा जिनके लिए उसका इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले प्रयोग किया जा रहा था।

अनुच्छेद 346. एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा--

संघ में शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किए जाने के लिए तत्समय प्राधिकृत भाषा, à¤à¤• राज्य और दूसरे राज्य के बीच तथा किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा होगी :

परंतु यदि दो या अधिक राज्य यह करार करते हैं कि उन राज्यों के बीच पत्रादि की राजभाषा हिंदी भाषा होगी तो ऐसे पत्रादि के लिए उस भाषा का प्रयोग किया जा सकेगा।

अनुच्छेद 347. किसी राज्य की जनसंख्या के किसी भाग द्वारा बोली जाने वाली भाषा के संबंध में विशेष उपबंध--

यदि इस निमित्त मांग किए जाने पर राष्ट्रपति का यह समाधान हो जाता है कि किसी राज्य की जनसंख्या का पर्याप्त भाग यह चाहता है कि उसके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को राज्य द्वारा मान्यता दी जाए तो वह निदेश दे सकेगा कि ऐसी भाषा को भी उस राज्य में सर्वत्र या उसके किसी भाग में ऐसे प्रयोजन के लिए, à¤œà¥‹ वह विनिर्दिष्ट करे, à¤¶à¤¾à¤¸à¤•à¥€à¤¯ मान्यता दी जाए।

अध्याय 3 - à¤‰à¤šà¥à¤šà¤¤à¤® à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, à¤‰à¤šà¥à¤š न्यायालयों आदि की भाषा

अनुच्छेद 348. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, à¤µà¤¿à¤§à¥‡à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा--

(1) à¤‡à¤¸ भाग के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, à¤œà¤¬ तक संसद् विधि द्वारा अन्यथा
उपबंध न करे तब तक--

(क) उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय में सभी कार्यवाहियां अंग्रेजी à¤­à¤¾à¤·à¤¾ में होंगी,

(ख) (i) संसद् के प्रत्येक सदन या किसी राज्य के विधान-मंडल के सदन या प्रत्येक सदन में पुरःस्थापित किए जाने वाले सभी विधेयकों या प्रस्तावित किए जाने वाले उनके संशोधनों के,

(ii) संसद या किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा पारित सभी अधिनियमों के और राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित सभी अध्यादेशों के ,और 
(iii) इस संविधान के अधीन अथवा संसद या किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि के अधीन निकाले गए या बनाए गए सभी आदेशों, à¤¨à¤¿à¤¯à¤®à¥‹à¤‚, à¤µà¤¿à¤¨à¤¿à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ और उपविधियों के, à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¥ƒà¤¤ पाठ अंग्रेजी भाषा में होंगे।

(2) à¤–ंड(1) à¤•à¥‡ उपखंड (क) में किसी बात के होते हुए भी, à¤•à¤¿à¤¸à¥€ राज्य का राज्यपाल राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से उस उच्च न्यायालय की कार्यवाहियों में, à¤œà¤¿à¤¸à¤•à¤¾ मुख्य स्थान उस राज्य में है, à¤¹à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¥€ भाषा का या उस राज्य के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाली किसी अन्य भाषा का प्रयोग प्राधिकृत कर सकेगाः

परंतु इस खंड की कोई बात ऐसे उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए किसी निर्णय, à¤¡à¤¿à¤•à¥à¤°à¥€ या आदेश को लागू नहीं होगी।

(3) à¤–ंड (1) à¤•à¥‡ उपखंड (ख) में किसी बात के होते हुए भी, à¤œà¤¹à¤¾à¤‚ किसी राज्य के विधान-मंडल ने,उस विधान-मंडल में पुरःस्थापित विधेयकों या उसके द्वारा पारित अधिनियमों में अथवा उस राज्य के राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों में अथवा उस उपखंड के पैरा (iv‌) में निर्दिष्ट किसी आदेश, à¤¨à¤¿à¤¯à¤®, à¤µà¤¿à¤¨à¤¿à¤¯à¤® या उपविधि में प्रयोग के लिए अंग्रेजी भाषा से भिन्न कोई भाषा विहित की है वहां उस राज्य के राजपत्र में उस राज्य के राज्यपाल के प्राधिकार से प्रकाशित अंग्रेजी भाषा में उसका अनुवाद इस अनुच्छेद के अधीन उसका अंग्रेजी भाषा में प्राधिकृत पाठ समझा जाएगा।

अनुच्छेद 349. à¤­à¤¾à¤·à¤¾ से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया--

इस संविधान के प्रारंभ से पंद्रह वर्ष की अवधि के दौरान, à¤…नुच्छेद 348 à¤•à¥‡ खंड (1) में उल्लिखित किसी प्रयोजन के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा के लिए उपबंध करने वाला कोई विधेयक या संशोधन संसद के किसी सदन में राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी के बिना पुरःस्थापित या प्रस्तावित नहीं किया जाएगा और राष्ट्रपति किसी ऐसे विधेयक को पुरःस्थापित या किसी ऐसे संशोधन को प्रस्तावित किए जाने की मंजूरी अनुच्छेद 344 à¤•à¥‡ खंड (1) के अधीन गठित आयोग की सिफारिशों पर और उस अनुच्छेद के खंड (4) के अधीन गठित समिति के प्रतिवेदन पर विचार करने के पश्चात्‌ ही देगा, à¤…न्यथा नहीं।

अध्याय 4-- à¤µà¤¿à¤¶à¥‡à¤· निदेश

अनुच्छेद 350. à¤µà¥à¤¯à¤¥à¤¾ à¤•à¥‡ à¤¨à¤¿à¤µà¤¾à¤°à¤£ à¤•à¥‡ à¤²à¤¿à¤ à¤…भ्यावेदन à¤®à¥‡à¤‚ à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— à¤•à¥€ à¤œà¤¾à¤¨à¥‡ à¤µà¤¾à¤²à¥€ à¤­à¤¾à¤·à¤¾--

प्रत्येक व्यक्ति किसी व्यथा के निवारण के लिए संघ या राज्य के किसी अधिकारी या प्राधिकारी को, à¤¯à¤¥à¤¾à¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿, à¤¸à¤‚घ में या राज्य में प्रयोग होने वाली किसी भाषा में अभ्यावेदन देने का हकदार होगा।

अनुच्छेद 350 à¤•. à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• à¤¸à¥à¤¤à¤° à¤ªà¤° à¤®à¤¾à¤¤à¥ƒà¤­à¤¾à¤·à¤¾ à¤®à¥‡à¤‚ à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¾ à¤•à¥€ à¤¸à¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚--

प्रत्येक राज्य और राज्य के भीतर प्रत्येक स्थानीय प्राधिकारी भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के बालकों को शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था करने का प्रयास करेगा और राष्ट्रपति किसी राज्य को ऐसे निदेश दे सकेगा जो वह ऐसी सुविधाओं का उपबंध सुनिश्चित à¤•à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ के लिए आवश्यक या उचित समझता है।

अनुच्छेद 350 à¤–. à¤­à¤¾à¤·à¤¾à¤ˆ à¤…ल्पसंख्यक-वर्गों à¤•à¥‡ à¤²à¤¿à¤ à¤µà¤¿à¤¶à¥‡à¤· à¤…धिकारी--

(1) à¤­à¤¾à¤·à¤¾à¤ˆ अल्पसंख्यक-वर्गों के लिए एक विशेष अधिकारी होगा जिसे राष्ट्रपति नियुक्त करेगा।

(2) à¤µà¤¿à¤¶à¥‡à¤· अधिकारी का यह कर्तव्य होगा कि वह इस संविधान के अधीन भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के लिए उपबंधित रक्षोपायों से संबंधित सभी विषयों का अन्वेषण करे और उन विषयों के संबंध में ऐसे अंतरालों पर जो राष्ट्रपति निर्दिष्ट करे,
राष्ट्रपति को प्रतिवेदन दे और राष्ट्रपति ऐसे सभी प्रतिवेदनों को संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाएगा और संबंधित राज्यों की सरकारों को भिजवाएगा।

अनुच्छेद 351. à¤¹à¤¿à¤‚दी à¤­à¤¾à¤·à¤¾ à¤•à¥‡ à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤¸ à¤•à¥‡ à¤²à¤¿à¤ à¤¨à¤¿à¤¦à¥‡à¤¶--

संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ाए, à¤‰à¤¸à¤•à¤¾ विकास करे जिससे वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके और उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप किए बिना हिंदुस्थानी में और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट भारत की अन्य भाषाओं में प्रयुक्त रूप, à¤¶à¥ˆà¤²à¥€ और पदों को आत्मसात करते हुए और जहां आवश्यक या वांछनीय हो वहां उसके शब्द-भंडार के लिए मुख्यतः संस्कृत से और गौणतः अन्य भाषाओं से शब्द ग्रहण करते हुए उसकी समृद्धि सुनिश्चित à¤•à¤°à¥‡