निदेशक की अध्यक्षता में नराकास की 58 वीं बैठक संपन्न

प्रेस विज्ञप्ति

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति भुवनेश्वर (केंद्रीय) की 58 वीं बैठक का आयोजन दिनांक 29.01.2016 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर के सामंतपुरी परिसर के प्रेक्षागृह में किया गया। इस समिति का गठन ऐसे नगरों में किया जाता है जहाँ केंद्र सरकार के 10 से अधिक कार्यालयों हो। इसकी बठैक वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है।

नराकास भुवनेश्वर की बैठकें इससे पूर्व प्रधान मुख्य आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित की जाती थी। राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर के निदेशक प्रो. आर.वी. राज कुमार को इसका नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनकी अध्यक्षता में यह प्रथम बैठक आयोजित की गई।

बैठक के प्रारंभ में सर्वप्रथम अतिथियों को स्वागत किया गया। नराकास भुवनेश्वर के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राज कुमार सिंह ने नराकास की गतिविधियों के साथ इसके गठन के उद्देश्य और इसकी भूमिकाओं पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में उन्होंने केंद्र सरकार के कार्यालयों प्रमुखों से अनुरोध किया कि आपसी सहयोग के माध्यम से हम नगर में राजभाषा नीतियों का कार्यान्वयन बढ़ाएं। तत्पश्चात अध्यक्ष नराकास की अनुमति से बैठक की कार्यसूची पर बिंदुवार चर्चा प्रारंभ की गई। बैठक की कार्यसूची के अनुसार नराकास की वेबसाइट का निर्माण करने का निर्णय लिया गया। सदस्य सचिव श्री नितिन जैन ने वेबसाइट के लेआउट के माध्यम से नराकास भुवनेश्वर (केंद्रीय) की आगामी वेबसाइट पर पठनीय सामग्रियों की जानकारी दी और सदस्यों से सुझाव प्राप्त किए। बैठक की कार्यसूची के अनुसार सदस्य कार्यालयों के अंशदान, वार्षिक कार्यक्रम, उप समितियों का गठन आदि विषयों पर भी चर्चा की गई।

नराकास के सदस्य कार्यालयों से प्राप्त छमाही रिपोर्ट के आधार पर सदस्य सचिव श्री जैन ने कुछ महत्वपूर्ण सुझावों के साथ राजभाषा नियमों के अनुपालन हेतु सभी से अनुरोध किया।
अध्यक्ष नराकास, प्रो. आर. वी. राज कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि नराकास एक आपसी समन्वयन का मंच है जिसके माध्यम से हम एक दूसरे की सहायता कर सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब मुझे नराकास का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था उसी दिन मैंने सबसे पहले नराकास की वेबसाइट का निर्माण  करने का निर्णय लिया था। नराकास की वेबसाइट के माध्यम से हम एक दूसरे से अच्छे से संवाद कर सकेंगे और सूचनाओं का प्रेषण भी द्रुत गति से किया जा सकेगा। उन्होंने अपने संबोधन में सभी सदस्य कार्यालयों से अनुरोध किया कि हम सभी आपसी समन्वय स्थापित करे जिससे हम राजभाषा नीतियों का कार्यान्वयन को सुचारू रूप से कर सकें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम वर्ष भर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते रहेंगे जिससे हम निरंतर एक दूसरे की सहायता कर सकें।
इस अवसर पर प्रो. बी. के. मिश्र, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईएमटी ने अपने संबोधन में कहा कि यह बहुत आवश्यक है कि हम अपने संस्थान के साथ-साथ नगर में राजभाषा नीतियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इसमें कार्यालयों प्रमुखों के उपस्थित होने से उन्हें राजभाषा नीतियों की सम्यक जानकारी प्राप्त होती है।

बैठक के अंत में सदस्यों कार्यालयों से भी राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए। जिसमें प्रधान लेखाकार के हिंदी अधिकारी श्री आर.एन. चाँद ने हिंदी कार्यशालाओं के आयोजन पर अपने विचार व्यक्त किए।
इस बैठक में नराकास के विभिन्न सदस्य कार्यालयों ने अपने-अपने यहाँ राजभाषा नीतियों के कार्यावन्यन के अनुपालन दृष्टि से तैयार की गई सामग्रियों एवं पत्रिकाओं का वितरण किया।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। मंच का संचालन नराकास सदस्य सचिव श्री नितिन जैन ने किया।