हिंदी पखवाड़ा - 07 से 21 सितंबर 2015 : एक रिपोर्ट

 
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्‍वर में दिनांक 07 से 21 सितंबर 2015 के दौरान हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ 07.09.2015 को संस्थान के कर्मचारियों के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता के साथ हुआ।
 
दिनांक 09.09.2015 को संस्थान के कर्मचारियों के लिए टिप्पण एवं प्रारूप लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
दिनांक 12.09.2015 को संस्थान के स्थाई परिसर अरगुल में संस्थान छात्रों के लिए “अभिव्यक्‍ति” के सहयोग से निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
 à¤¦à¤¿à¤¨à¤¾à¤‚क 13.09.2015 को संस्थान छात्रों के लिए “अभिव्यक्‍ति” के सहयोग से वाद-विवाद एवं आवाज़ दिल शीर्षक नामक नई प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
जिसका उद्देश्य संस्थान के छात्रों की अभिव्यक्‍तियों को एक मंच प्रदान करना था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया। इसी दिन 16.30 बजे  “जीवन प्रबंधन” विषय पर डॉ. नीरज शर्मा का व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने जीवन के प्रबंधन के कई पहलुओं पर अपने अनुभवों को सांझा जो संस्थान के सभी सदस्यों के लिए बहुत ही प्रेरणादायक था। तत्पश्‍चात संस्थान छात्रों की नाट्यकला समिति के तत्वावधान में एक “मौत का खत” नामक शीर्षक नाटक का आयोजन किया जो भविष्य के अभियंताओं की कला प्रियता को प्रदर्शित कर रहा था। नाटक का आयोजन बहुत ही सफलदायक रहा।
 
 
दिनांक 14.09.2015 को हिंदी दिवस की संकल्पना के साथ हिंदी दिवस का अनुपालन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय परंपरानुसार दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। तत्पश्चात संस्थान छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप उपस्थित संस्थान निदेशक प्रो. आर.वी. राज कुमार, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो. स्मरप्रिया मिश्रा, संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्षा (हिंदी विभाग) का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुए श्री नितिन जैन ने राजभाषा के ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्थान निदेशक प्रो. आर.वी. राज कुमार ने सभी को हिंदी दिवस की बधाई दी और कहा कि हिंदी हमारी राजभाषा है और इसे राष्ट्रभाषा बनाने के लिए हमें प्रयत्न करना होगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो. स्मरप्रिया मिश्रा ने हिंदी के प्रति हमारे संवैधानिक दायित्व का उपयुक्‍त रूप से अनुपालन पर जोर दिया। उनके संबोधन के उपरांत 12-13 सितंबर के दौरान संस्थान छात्रों के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता, आवाज़ दिल की और वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
हिंदी दिवस की संध्या पर संस्थान के सभी सदस्यों के लिए काव्य सरिता शीर्षक के अधीन हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में भारत के प्रमुख कवियों की मंडली ने कविता पाठ कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. पी. सी. पांडेय, अभ्यागत प्राध्यापक ने सभी कवियों के प्रति आभार व्यक्‍त किया और उन्हें सम्मानित किया।
 
दिनांक 16.09.2015 को संस्थान कर्मचारियों के लिए हिंदी टंकण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
 
               
 
दिनांक 18.09.2015 को संस्थान के कर्मचारियों के लिए “कार्यालयीन हिंदी का व्यवहारिक ज्ञान एवं राजभाषा नीति का कार्यान्वयन” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए संस्थान कुलसचिव डॉ. डी. गुणसेकरण ने सभी उपस्थित कर्मचारियों को हिंदी के प्रति जागरूक होने की अपली की और कहा कि इसे अपने दैनिक व्यवहार में अपनाए और संस्थान में राजभाषा का प्रचार-प्रसार बढ़ाए। इस दौरान उन्हें राजभाषा एकक के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस तरह की निरंतर गतिविधियों से संस्थान में हिंदी का अनुकूल वातावरण तैयार हो रहा है जो राजभाषा के कार्यान्वयन की दृष्टि से एक अच्छा सूचक है। इसी दौरान कार्यशाला में मुख्य वक्‍ता के रूप में उपस्थित  à¤ªà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ महालेखा परीक्षक के हिंदी अधिकारी श्री आर.एन.चाँद ने राजभाषा नीति की प्रासिंगताओं पर बल दिया और वहीं श्री नितिन जैन ने कार्यालयीन हिंदी और साहित्यिक हिंदी के भेदों के अंतर को स्पष्ट करते हुए दैनिक कार्यालयीन कामकाज को हिंदी में हो रही झिझक को दूर करने हेतु महत्वपूर्ण गुर सिखाए। कार्यशाला में कुल 13 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया। तत्पश्चात इसी दिन सांध्य 05.00 बजे संस्थान के कर्मचारियों के लिए आशुभाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था।
        
दिनांक 21 सितंबर 2015 को सांध्य 06.00 बजे हिंदी पखवाड़ा के समापन समारोह एवं पुरस्कार वितरण का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में परंपरानुसार अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. आर.के. सिंह प्राध्यापक प्रभारी, राजभाषा ने की। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डॉ. राज कुमार सिंह ने इस दौरान आयोजित विजयी प्रतिभागियों को बधाई दी और निदेशक महोदय का शुभकामना संदेश दिया। उन्होनें उपस्थित सभी सहकर्मियों से हिंदी में कार्य करने हेतु अपील की। तदोपरांत श्री नितिन जैन ने विजयी प्रतिभागियों की घोषणा की और विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस दौरान कुल 12 पुरस्कार तथा 05 सांत्वना पुरस्कार वितरित किए गए। तत्पश्‍चात धन्यवाद ज्ञापन देते हुए श्री जैन ने संपूर्ण आयोजन के लिए सभी उच्‍च पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि संस्थान में हम निरंतर प्रयास करेंगे कि हिंदी की गतिविधियों कैसे बढ़ाया जा सके जिससे कि आगामी वर्ष इस दौरान आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में और अच्छी सहभागिता देखने को मिलें।