हिंदी दिवस 2015 : à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° में दिनांक 07 से 21 सितंबर 2015 के दौरान हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। 14 सितंबर 2015 को “हिंदी दिवस” कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ परंपरानà¥à¤¸à¤¾à¤° दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¥à¤µà¤²à¤¨ के साथ हà¥à¤ˆà¥¤ ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ वंदना की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ की गई। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ निदेशक पà¥à¤°à¥‹. आर.वी. राज कà¥à¤®à¤¾à¤°, मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¥‹. सà¥à¤®à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ मिशà¥à¤°à¤¾, संकायाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ विà¤à¤¾à¤—ाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ (हिंदी विà¤à¤¾à¤—) और पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥€ (राजà¤à¤¾à¤·à¤¾) डॉ. राज कà¥à¤®à¤¾à¤° सिंह का पà¥à¤·à¥à¤ªà¤—à¥à¤šà¥à¤› से सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकरत हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€ नितिन जैन ने राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ के à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• पहलà¥à¤“ं पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला और सà¤à¥€ को हिंदी में कारà¥à¤¯ करने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में सà¥à¤µà¤¾à¤—त à¤à¤¾à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करते हà¥à¤ डॉ. राज कà¥à¤®à¤¾à¤° सिंह ने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अतिथियों à¤à¤µà¤‚ करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का मà¥à¤•à¥à¤¤ हृदय से सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया à¤à¤µà¤‚ सà¤à¥€ को हिंदी दिवस की बधाई दी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हिंदी इस देश की सबसे सरल à¤à¤µà¤‚ सहज à¤à¤¾à¤·à¤¾ तथा संपरà¥à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾ के रूप में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆ है। संविधान के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° संघ की राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ हिंदी है तथा लिपि देवनागरी है और सरकारी पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ के लिठपà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— होने वाले अंकों का रूप अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ है। इसके अतिरिकà¥à¤¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤·à¤£ में हिंदी के à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• पहलà¥à¤“ं के साथ à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² में आयोजित दसवाठविशà¥à¤µ हिंदी समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ के दौरान कहीं गई मà¥à¤–à¥à¤¯ बातों पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला। इसके साथ ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¤à¥€ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जनगणमानà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से अपना सरकारी दैनिक कारà¥à¤¯ हिंदी में करने की अपील की। तदोपरांत शà¥à¤°à¥€ नितिन जैन ने परंपरानà¥à¤¸à¤¾à¤° हिंदी दिवस पर गृह मंतà¥à¤°à¥€ का संदेश पठन किया।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ निदेशक पà¥à¤°à¥‹. आर.वी. राज कà¥à¤®à¤¾à¤° ने सà¤à¥€ को हिंदी दिवस की बधाई दी और कहा कि हिंदी हमारी राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ है और इसे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाने के लिठहमें पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करना होगा। हमारे देश में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राजà¥à¤¯ है और विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ है। इन सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ की जननी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ ही है। विविधतओं के बावजूद à¤à¥€ हिंदी à¤à¤¾à¤·à¤¾ हमें सà¤à¥€ से जोड़ कर रखती है।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¥‹. सà¥à¤®à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ मिशà¥à¤°à¤¾, संकायाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ विà¤à¤¾à¤—ाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ (हिंदी) ने अपने संबोधन में हिंदी के महतà¥à¤µà¤ªà¤°à¥à¤£ बिंदà¥à¤“ं पर चरà¥à¤šà¤¾ की और हिंदी को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाने में हमारी करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का सà¥à¤®à¤°à¤£ कराया और हिंदी के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर हिंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ की पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤à¤¤à¤¾ पर खेद वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया। अपने अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤·à¤£ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जनगणमानà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को हिंदी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ हमारे संवैधानिक दायितà¥à¤µ का उपयà¥à¤•à¥à¤¤ रूप से अनà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤¨ पर जोर दिया।
उनके संबोधन के उपरांत 12-13 सितंबर के दौरान संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के लिठआयोजित निबंध पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता, आवाज़ दिल की और वाद-विवाद पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता के विजयी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¥ƒà¤¤ किया गया। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ निदेशक ने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¥‹. सà¥à¤®à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯ मिशà¥à¤°à¤¾ को संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ चिहà¥à¤¨ à¤à¥‡à¤‚ट सà¥à¤µà¤°à¥‚प पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की।
हिंदी दिवस की संधà¥à¤¯à¤¾ पर संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के सà¤à¥€ सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठकावà¥à¤¯ सरिता शीरà¥à¤·à¤• के अधीन हिंदी कवि समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ का आयोजन किया। इस समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कवियों की मंडली ने कविता पाठकर सà¤à¥€ को मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर दिया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अंत में पà¥à¤°à¥‹. पी. सी. पांडेय, अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤—त पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• ने सà¤à¥€ कवियों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥â€à¤¤ किया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया।