| DATE | HINDI QUOTE |
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| 16-07-2017 | हमारा उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ हो संसार का à¤à¤²à¤¾ करना न कि अपने नाम का ढोल पीटना - सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ | |
| 15-07-2017 | हम वो हैं जो हमें हमारी सोचने बनाया है, इसलिठइस बात का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखिये कि आप कà¥à¤¯à¤¾ सोचते हैं, शबà¥à¤¦ गौण हैं विचार रहते हैं वे दूर तक यातà¥à¤°à¤¾ करते हैं - सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ | |
| 14-07-2017 | हज़ार योदà¥à¤§à¤¾à¤“ं पर विजय पाना आसान है, लेकिन जो अपने ऊपर विजय पाता है वही सचà¥à¤šà¤¾ विजयी है - गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ | |
| 13-07-2017 | सà¥à¤µà¤¯à¤‚ में बहà¥à¤¤ सी कमियों के बावजूद यदि मैं सà¥à¤µà¤¯à¤‚ से पà¥à¤°à¥‡à¤® कर सकता हूठतो फिर दूसरों में थोड़ी बहà¥à¤¤ कमियों की वजह से उनसे घृणा कैसे कर सकता हूठ- सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ | |
| 12-07-2017 | सà¥à¤µà¤§à¤°à¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤®, परधरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आदर और अधरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उपेकà¥à¤·à¤¾ करनी चाहिठ- आचारà¥à¤¯ विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ | |
| 11-07-2017 | सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° होने का साहस करो जहां तक तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो, और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने जीवन में उतारने का साहस करो - सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ | |
| 10-07-2017 | सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° वही हो सकता है, जो अपना काम अपने आप कर लेता है - आचारà¥à¤¯ विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ | |
| 09-07-2017 | सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° वही हो सकता है जो अपना काम अपने आप कर लेता है - आचारà¥à¤¯ विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ | |
| 08-07-2017 | सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ वीर से डरता है और कायर को डराता है - अजà¥à¤žà¤¾à¤¤ | |
| 07-07-2017 | सेवा छोटी है या बड़ी, इसकी कीमत नहीं है। किस à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से, किस दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से वह की जा रही है, उसकी कीमत है - आचारà¥à¤¯ विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ | |
| 06-07-2017 | सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤• चाहे कितना à¤à¥€ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ पंकà¥à¤¤à¤¿ का कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हो, जब तक जनता उसे परख नहीं लेगी, उसकी बात नहीं सà¥à¤¨à¥‡à¤—ी - आचारà¥à¤¯ विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ | |
| 05-07-2017 | साफ़ सà¥à¤¥à¤°à¥‡ सादे परिधान में à¤à¤¸à¤¾ यौवन होता है जिसमें अधिक उमà¥à¤° छिप जाती है - अजà¥à¤žà¤¾à¤¤ | |
| 04-07-2017 | समय परिवरà¥à¤¤à¤¨ का धन है। परंतॠघड़ी उसे केवल परिवरà¥à¤¤à¤¨ के रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं - रवींदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ ठाकà¥à¤° | |
| 03-07-2017 | सबसे अधिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ वही है जो अपनी कमियों को समà¤à¤•र उनका सà¥à¤§à¤¾à¤° कर सकता हो - अजà¥à¤žà¤¾à¤¤ | |
| 02-07-2017 | सतà¥à¤¯à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ बलपà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के विपरीत होता है। हिंसा के संपूरà¥à¤£ तà¥à¤¯à¤¾à¤— में ही सतà¥à¤¯à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ की गई है - महातà¥à¤®à¤¾ गांधी | |
| 01-07-2017 | सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ से जिसका मन à¤à¤°à¤¾ है, वह विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ न होने पर à¤à¥€ बहà¥à¤¤ देश सेवा कर सकता है - पं. मोतीलाल नेहरू | |
| 30-06-2017 | सचà¥à¤šà¤¾ बलवान तो वही होता है, जिसने अपने मन पर पूरी तरह से नियंतà¥à¤°à¤£ कर लिया हो - अजà¥à¤žà¤¾à¤¤ । |
| 29-06-2017 | संà¤à¤µ की सीमा जानने का केवल à¤à¤• ही तरीका है असंà¤à¤µ से à¤à¥€ आगें निकल जाना - सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ | |
| 28-06-2017 | संतोष का वृकà¥à¤· कड़वा है लेकिन इस पर लगने वाला फल मीठा होता है - सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शिवानंद | |
| 27-06-2017 | वीरता से आगे बढ़ो। à¤à¤• दिन में सफलता की कोशिश न करो। अपने आदरà¥à¤¶ पर डटे रहो। सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ और ईरà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾ से बचो। |
| 26-06-2017 | विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ वह पकà¥à¤·à¥€ है जो पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¤ के पूरà¥à¤µ अंधकार में ही पà¥à¤°à¤•ाश का अनà¥à¤à¤µ करता है और गाने लगता है। - रवींदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ ठाकà¥à¤° |
| 25-06-2017 | विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के कारख़ाने हैं और अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बनाने वाले कारीगर हैं। - रवींदà¥à¤° |
| 24-06-2017 | विशà¥à¤µ à¤à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ है, जहां हम खà¥à¤¦ को मजबूत बनाने के लिठआते हैं ।- सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ |
| 23-06-2017 | विचारकों को जो चीज़ आज सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ दीखती है दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ उस पर कल अमल करती है। - आचारà¥à¤¯ विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ |
| 22-06-2017 | वाणी चाà¤à¤¦à¥€ है, मौन सोना है, वाणी पारà¥à¤¥à¤¿à¤µ है पर मौन दिवà¥à¤¯à¥¤- कहावत |
| 21-06-2017 | वह नासà¥à¤¤à¤¿à¤• है, जो अपने आप में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं रखता। - सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ |
| 20-06-2017 | लोहा गरम à¤à¤²à¥‡ ही हो जाठपर हथौड़ा तो ठंडा रह कर ही काम कर सकता है। - सरदार पटेल |
| 19-06-2017 | लगातार पवितà¥à¤° विचार करते रहे, बà¥à¤°à¥‡ संसà¥à¤•ारो को दबाने के लिठà¤à¤• मातà¥à¤° समाधान यहीं हैं। - सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ |
| 18-06-2017 | सच्चाई से जिसका मन भरा है, वह विद्वान न होने पर भी बहुत देश सेवा कर सकता है। - पं. मोतीलाल नेहरू |
| 17-06-2017 | सच्चा बलवान तो वही होता है, जिसने अपने मन पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया हो। |
| 16-06-2017 | संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है असंभव से भी आगें निकल जाना। - स्वामी विवेकानन्द |